Sunday, 17 January 2016

स्वतंत्रता दिवस पर गीत

स्वतंत्रता दिवस पर गीत - मनोज शर्मा 'मधुर'
------------------------------------
दासता की प्रेतछाया  राष्ट्र से भगाना सीख लो ।
स्वतंत्रता के स्वर्ण- कलश को सर पे उठाना सीख लो ।

सोचना भी भूल है कि, हम सब स्वाधीन हैं
सोच के महल में हम आज भी पराधीन हैं
स्वार्थपरता के तेल को तिल-तिल बहाना सीख लो
स्वतंत्रता के स्वर्ण- कलश को सर पे उठाना सीख लो ।

विश्व के हृदय पटल पर आचरण का गुणगान है
चारण होना दरबार का, स्वाभिमान का अपमान है
मानवता के दीप को सूर्य -सा जलाना सीख लो
स्वतंत्रता के स्वर्ण- कलश को सर पे उठाना सीख लो ।

छोड़ो तेरा-मेरा करना, क्या रखा वैमनस्य में है
प्रगति का वांछित पथ तो, मित्रों सामंजस्य में है
सहभागिता के पुष्प को सुगंधित बनाना सीख लो
स्वतंत्रता के स्वर्ण- कलश को सर पे उठाना सीख लो ।

No comments:

Post a Comment