चलो वापिस चलें हम गाँव के लिए
दो पेड़ नहीं शहर में छाँव के लिए
मशीनी घोड़ों की लत इस क़दर लगी
क़ुबूल नहीं क़दम भर पाँव के लिए
कोई कब से नहीं आया है अपने घर
चलो कौआ तलाशें काँव के लिए
जिधर देखा, मिली है आग हर तरफ़
कहाँ से लाऊँ गुलशन ठाँव के लिए
लगाना है, लगा घर अपना दाँव पे
वतन ज़ौजा नहीं सुन दाँव के लिए
मायने: ठाँव के लिए-ठहरने के लिए, ज़ौजा-जोरू/पत्नी, गुलशन-बाग़
दो पेड़ नहीं शहर में छाँव के लिए
मशीनी घोड़ों की लत इस क़दर लगी
क़ुबूल नहीं क़दम भर पाँव के लिए
कोई कब से नहीं आया है अपने घर
चलो कौआ तलाशें काँव के लिए
जिधर देखा, मिली है आग हर तरफ़
कहाँ से लाऊँ गुलशन ठाँव के लिए
लगाना है, लगा घर अपना दाँव पे
वतन ज़ौजा नहीं सुन दाँव के लिए
मायने: ठाँव के लिए-ठहरने के लिए, ज़ौजा-जोरू/पत्नी, गुलशन-बाग़
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