ज़हन में क्या घुल रहा आजकल
ज़हर लफ़्ज़ों में मिल रहा आजकल
गिला अब किसी ग़ैर से क्या करें
चराग़ों से घर जल रहा आजकल
रियाया को इतनी ख़बर ही नहीं
किसे उसका हक़ मिल रहा आजकल
सियासत तुझे होश भी है क्या
नशे में शहर चल रहा आजकल
जिसे प्यार में बाग़बाँ मिल गया
वही चेहरा खिल रहा आजकल
घटाओं से तेज़ाब गिरने लगा
हरा रंग सब जल रहा आजकल
'मधुर' बेख़बर तू जिधर है खड़ा
महल कागज़ी हिल रहा आजकल
मायने- ज़हन/ज़ेह्न -सोच/चेतना, गिला-शिकायत, रियाया-प्रजा, बाग़बाँ-माली/बाग़ की देखभाल करने वाला
ज़हर लफ़्ज़ों में मिल रहा आजकल
गिला अब किसी ग़ैर से क्या करें
चराग़ों से घर जल रहा आजकल
रियाया को इतनी ख़बर ही नहीं
किसे उसका हक़ मिल रहा आजकल
सियासत तुझे होश भी है क्या
नशे में शहर चल रहा आजकल
जिसे प्यार में बाग़बाँ मिल गया
वही चेहरा खिल रहा आजकल
घटाओं से तेज़ाब गिरने लगा
हरा रंग सब जल रहा आजकल
'मधुर' बेख़बर तू जिधर है खड़ा
महल कागज़ी हिल रहा आजकल
मायने- ज़हन/ज़ेह्न -सोच/चेतना, गिला-शिकायत, रियाया-प्रजा, बाग़बाँ-माली/बाग़ की देखभाल करने वाला
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